The Basic Principles Of bhoot wali kahani

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वैले परिवार को इस घर में आने से पहले ही यह लगता था कि कुछ तो है जो बहुत अजीब है, उन्हें इस बात का भी अंदेशा था कि इस मकान को रूहों ने अपनी चपेट में ले रखा है. स्थानीय लोगों ने कई बार उन्हें चेताया भी था कि जिस स्थान पर वो मकान बनाने जा रहे हैं वहां एक व्यक्ति की मौत हुई थी, लेकिन उन्होंने इस बात पर विश्वास नहीं किया और मकान के निर्माण का काम जारी रखा और इसमें रहने भी आ गए.

वो बोला “क्योंकि उसके पिता उससे थोड़ी दुरी पर थे और उन्होंने भी वहीँ आवाज सुनी थी मतलब उनकों बुलाने की। उनकी ही आवाज में कोई उनके बेटे को अपनी ओर पुकार रहा था।”

यह कहानी एक छोटे से गाँव की है, जहाँ लोग रात के समय एक विशेष घर के पास से अजीब-अजीब आवाजें सुनते थे। लोग इसे भूत की कहानी मानते थे, लेकिन कोई भी वास्तविकता में नहीं जानता था।

वह अपनी पत्नी से पूछता है कि यह कौन है? तब पत्नी कहती है कि पता नहीं यह व्यक्ति कौन है? मैंने सोचा कोई तुम्हारा जानकार होगा।मगर इस बदतमीज है इसने मुझे थप्पड़ मारा। लड़का रो रहा था तो मुझे मारा कि लड़के को क्यों रुला रही हो। 

सोनू के पापा : क्या हुआ बेटा तुम उदास क्यूं हो ?

भूतों के गुरुजी अपने असली भूतिया रूप में आ गए और पहलवान से माफी मांगी। पहलवान गुरु जी से पूछता है - उनको छोड़ने के बदले उनकी क्या सजा होगी। गुरुजी ने अपने आप ही स्वीकार कर लिया कि जितना राशन पहलवान के घर पर आता है अब उसका दुगना राशन पहलवान के घर पर भिजवा दिया जाएगा। जिसके पास बाद पहलवान गुरुजी को छोड़ देता है। 

राजू ने उसके पास जाकर पूछा, “तुम क्यों रो रहे हो?” बच्चा गंभीर रूप से उत्तर दिया, “मुझे यहाँ आना नहीं चाहिए था, लेकिन मैं गाँव से बहुत दूर खो गया हूँ और अब मुझे रास्ता नहीं पता।”

गौरब अपने दोस्तों की मदद से उस आत्मा की शरीर को ढूंढ़ता है जोकि उसे एक पेड़ के निचे मिलता है। फिर गौरब पुलिस को ये सुचना देता है और पुलिस उस आत्मा के पति को गिरफ्तार करता है और कोट उसे आजीबन करबास की सजा सुनाता है।

भूत-प्रेत के किस्से सुनने में बेहद रोमांचक और दिलचस्प लगते हैं लेकिन क्या हो जब यह किस्से सिर्फ किस्से ना रहकर एक हकीकत की तरह आपके सामने आएं?

मुखिया : पहरेदार… जल्दी जाओ और राजू को भी यहां पकड़ कर ले आओ और उसके बाद इन दोनों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी.

रात का समय था, कब्रिस्तान अपनी चुप्पी से गुम हो रहा था। चाँदनी की किरणें कब्रों की चट्टानों पर मुस्कान बिखेर रही थीं। एक अजीब सी ऊँचाई से बनी एक कब्र अद्वितीय रूप से खड़ी थी, जिसकी ऊपरी सत्री कुछ अजीब से चिन्हों से सजीव थी।

ऐसी जगहों पर इन्‍हे महसूस किया जा सकता है। यह रूहें हमेशा अपने आप को आम दुनिया से अलग रखना चाहती है। जब हम कभी किसी ऐसी जगह पर एकांत में होते हैं तो इन रूहों का आभास हमें होता है। इनकी भी प्रकृति बिलकुल सांपों से मिलती जुलती है, जब इंसान के सामने कोई सांप अचानक आ जाता है तो वो इंसानों के पैरों के कदमों के आहट के अनुसार चल कर उस जगह से भागना चाहता है, लेकिन एक शब्‍द जिसे डर कहते हैं उसे इंसानी स्‍वाभाव नहीं छोड़ पाता है और उसके फलस्‍वरूप get more info वो सांप को दुश्‍मन मान कर उन्‍हे छेड़ता है या मार देता है। असली भूत की कहानी।

तब से ऐसा माना जाता है कि यहा उन तीनो राजाओ की आत्मा भटकती है स्थानीय लोगो में यहा ने यहा अजीब सा रूहानी ताकत होने का महसूस किया है

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